अनवाल – “शिवपार्वतीरो आदिम रुप गणगोर” ई निसर्गशक्तीरो ऊर्जामय संयुक्त स्त्रीपुरुष रुप छ.कांयी कांयी तांडेमं गणगोर ये संयुक्त आदिम देवतार नातो ‘राधाकृष्णेती’जोडन गणगोरेर जागं राधाकृष्णेर प्रतिमार पूजा करेर
Prof. Motiraj Rathod Is No more, The Cultural And Literary Movement Of Banjara Community Became Orphan ————————————– Prof. Motiraj Rathod’s demise has created a huge gap in the
अनवाल -“जतरा मराठी,हिंदी भाषार प्रभावेती गोर बोलीभाषारो मूळ अस्तित्व धोकेम आयो;ओतरा तेलगु अन कानडी भाषाती गोर बोलीभाषारो अस्तित्व धोकेम कोनी आयो.आज भी आंध्र,तेलंगणा,कर्नाटक राज्येमं गोरबोली भाषा सुरक्षित छ.पुर्वाश्रमीर
वाते मुंगा मोलारी My swan song गोर बोलीभाषाविज्ञान अन व्याकरण – एक चिंतन…! गोर बोलीभाषार अभ्यास करतूवणा गोर बोलीभाषारो पेनो (प्राचीनता),ओर जतन करो हूवो परंपरागत मौखिक सायित्य,ओर भाषा
वाते मुंगा मोलारी My swan song धडधडी- थरथरी एक वैज्ञानिक सिद्धांत..! “देवीनं बळी देयेर पाट मरेन आरीती करन;मन बेमार पाट बळी देरे छो;येती देवी आपणेनं पावं कोनी ये